आज नहीं तो कल देगा
अल्ला कोई हल देगा
रिश्तों का इक पेड़ उगा
धीरे धीरे फल देगा
दिल मेरा मौसम तो नहीं
कैसे ज़ात बदल देगा ?
खेत जला कर ये रहबर
तेरे हाथ में हल देगा
कोई कितना प्यारा हो
इक दिन छोड़ के चल देगा
मरने को इक उम्र कोई
जीने को इक पल देगा
अल्ला कोई हल देगा
रिश्तों का इक पेड़ उगा
धीरे धीरे फल देगा
दिल मेरा मौसम तो नहीं
कैसे ज़ात बदल देगा ?
खेत जला कर ये रहबर
तेरे हाथ में हल देगा
कोई कितना प्यारा हो
इक दिन छोड़ के चल देगा
मरने को इक उम्र कोई
जीने को इक पल देगा
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