कि शायद तुम आये
बसंत के रंग में ये दिन नहाये
कि शायद तुम आये
मेरे भरोसे की शकल को पूरा करने
जीवन के पटल पर नए लेख लिखने
शायद तुम आये ....
अभिषेकं वर्मा
बसंत के रंग में ये दिन नहाये
कि शायद तुम आये
मेरे भरोसे की शकल को पूरा करने
जीवन के पटल पर नए लेख लिखने
शायद तुम आये ....
अभिषेकं वर्मा
No comments:
Post a Comment